New Step by Step Map For Shodashi

Wiki Article



॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

The Sri Yantra, her geometric representation, is a complex symbol of your universe and the divine feminine Electrical power. It is made up of 9 interlocking triangles that radiate out with the central place, the bindu, which symbolizes the origin of development and also the Goddess herself.

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

The Chandi Route, an integral part of worship and spiritual follow, especially all through Navaratri, will not be simply a textual content but a journey in itself. Its recitation is a robust Resource inside the seeker's arsenal, aiding within the navigation from ignorance to enlightenment.

सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥२॥

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक more info के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

She's also known as Tripura because all her hymns and mantras have three clusters of letters. Bhagwan Shiv is believed to generally be her consort.

ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?

The noose symbolizes attachments, Whilst the goad represents contempt, the sugarcane bow displays needs, along with the flowery arrows depict the 5 feeling organs.

कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया

In essence, Goddess Shodashi represents the divine probable within just every single person, guiding them with a route of interior elegance, wisdom, and spiritual fulfillment. Her existence while in the life of devotees inspires them to seek harmony, observe compassion, and approach lifestyle with gratitude and humility.

Report this wiki page